अर्जुन को युद्ध में हराने वाले 6 योद्धा कौन थे? 6 warriors who defeated Arjun in battle | Mahabharat

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  • Опубликовано: 6 апр 2025
  • अर्जुन को युद्ध में हराने वाले 6 योद्धा कौन थे? 6 warriors who defeated Arjun in battle | Mahabharat
    Your Queries:-
    महाभारत में अर्जुन को कौन हरा सकता है
    अर्जुन से ज्यादा शक्तिशाली कौन है
    अर्जुन को हराने का सामर्थ्य किसके पास था?
    अर्जुन वध
    arjun ko kisne haraya
    kis kis se prajit hue arjun
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    arjun ko kon hara sakta tha
    arjun ko kaun mara tha
    arjun ko kaun jita
    mahabharat mein arjun ko kisne haraya
    arjun ko kaun mara
    क्या ऐसा कोई योद्धा था, जो अर्जुन को हरा सके
    kitni baar hara arjun
    arjun wins and loss
    अर्जुन को युद्ध में हराने वाले 6 योद्धा कौन थे?
    6 warriors who defeated Arjun in battle
    अर्जुन का अपने पुत्र बब्रुवाहन द्वारा वध,
    arjun fight with his son
    arjun aur babruvahan ka yudh
    क्या अर्जुन कभी हारे थे?
    अर्जुन किस से हारे थे महाभारत में
    कर्ण ने अर्जुन को क्यों नहीं मारा?
    महाभारत में सबसे बलवान कौन था
    क्या महाभारत में ऐसा कोई भी योद्धा था जिसमें अर्जुन को हराने का सामर्थ्य हो?
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    #krishna #mahabharat #ArjunVadh
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Комментарии • 1 тыс.

  • @Skpmusictune
    @Skpmusictune Месяц назад +29

    Ye galat bata raha h kyonki karn parsuram ka shishya tha jaisa ki bhishm or dronachary the to karn kaise har sakta h sawal hi nahi h jai ho mahan dhanurdhari karn❤❤❤❤

    • @RahulSahu-g3g
      @RahulSahu-g3g 2 часа назад

      क्योंकि करने के पास विजय धनुष था

    • @BikramMandal-B11
      @BikramMandal-B11 Час назад

      Yes

  • @dailpkumar6450
    @dailpkumar6450 4 месяца назад +8

    Sabse powar full yodha karan tha

  • @BabluRajaP92
    @BabluRajaP92 4 месяца назад +8

    महाभारत द किंग कर्ण ही है❣️राधे कर्ण

  • @Rishigaming3.0-yt
    @Rishigaming3.0-yt Месяц назад +8

    कर्ण अर्जुन को नहीं हरा सकता था😂😂 तो कर्ण को निहत्था कयो मारा अर्जुन के साथ तो स्वयं कृष्ण थे 😭😭

    • @awisin871
      @awisin871 Месяц назад

      Karna, Abhimanyu ko dhokha se marne me samil tha. Isliye uska Maut bhi dhokha se hi Kiya gaya. Baki karn to kafi bar hara hai. Krishna,Arjun ke sath isliye nhi the ki Arjun capable nhi tha,Arjun vadh karne me hichkichata tha. Arjun,karna ke upar bhi teer nhi chala raha tha;krishna ko abhimanyu vadh yaad Dilana pada. Tab arjun ne gusse me karna vadh Kiya tha.

    • @shankarsinghrajpoot242
      @shankarsinghrajpoot242 Месяц назад +1

      कर्ण जब द्रुपद से हारकर भागा था तब द्रुपद के साथ श्रीकृष्ण थे क्या?
      द्रौपदी स्वयंवर में अर्जुन ने कर्ण को हराकर पीछे हटने पर विवश कर दिया था तब अर्जुन के साथ श्रीकृष्ण थे क्या?
      पांडव विजय यात्रा में जब भीम ने कर्ण को हराकर इंद्रप्रस्थ को कर(टैक्स) देने के लिए विवश कर दिया था तब भीम के साथ श्रीकृष्ण थे क्या?
      जब गंधर्वों से हारकर कर्ण अपने मित्र दुर्योधन को बंदी बना छोड़कर भाग गया था तब गंधर्वों के साथ श्रीकृष्ण थे क्या?
      उपरोक्त चारों युद्धों में कर्ण के पास कवच कुंडल भी थे।
      विराट युद्ध में अकेले अर्जुन ने कर्ण सहित पूरी कौरव सेना को हराया था तब अर्जुन के साथ श्रीकृष्ण थे क्या?
      कुरुक्षेत्र युद्ध में भीम से 4 बार, सात्यिकी से 4 बार और अभिमन्यु से 3 बार हारकर कर्ण भाग गया था तब उनमें से किसके साथ श्रीकृष्ण थे?

  • @ParveenRai-m6o
    @ParveenRai-m6o 4 месяца назад +10

    Karan Jaisa Koi Yoddha nahin tha

  • @RahulKumar-eu6td
    @RahulKumar-eu6td 2 месяца назад +3

    महाभारत में कुछ लोग फिल्मों और नाटकों के आधार पर अर्जुन को कम समझते हैं बो वेद और पुराणों को पढ़ें की सबसे संसार की हर शक्ति अर्जुन के पास थी हर एक दिव्यास्त्र था फिर भी वीर अर्जुन ने उन दिव्यास्त्र का अनुचित प्रयोग नहीं किया था

    • @Tarbushkikheti
      @Tarbushkikheti 2 месяца назад

      Bhai tumne shch me padhi he Kiya ved or puran 😂😂 thik che padhle chal che mara gaya karan or ni hatha

  • @Yadavkbshorts
    @Yadavkbshorts 2 месяца назад +3

    श्री कृष्ण जानता था। की कर्ण के पास विजय धनुष हैं। जबतक कर्ण के पास विजय धनुष हैं उसे कोई नही देवता भी नहीं हारा सकता था। कृष्ण जानता था कि कर्ण से अर्जून को कोई नही बचाएगा। इसीलिए कृष्ण अपनी माया से कर्ण का रथ का पहिया धसा दिया ताकि शस्त्र हीन हो जाए और छल से मारा जाए

  • @DrNileshParikh
    @DrNileshParikh 3 месяца назад +9

    दर असल भगवान शिव ने अपनी माया से अर्जुन के सारे दिव्यास्त्र निगल लिए थे और बाहुबल से भी अर्जुन की परीक्षा ली थी जिसके कारण वो इतने प्रसन्न हुए कि पशुपतास्त्र ही वरदान में दे दिया। जब जयद्रथ ने काशी में 12 सालों तक तप करने के बाद भगवान शिव से ये वरदान मांगा कि मुझे पांचों पांडवों को हराने का वरदान दीजिए तो भगवान शिव ने क्या कहा? वो बोले कि कृष्ण और अर्जुन को हराने वाला त्रिलोकी में कोई नहीं है, तुम एक दिन यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक चार पांडवों को रोक सकोगे। तो जब भगवान शिव ही अर्जुन को त्रिलोकी में अजेय बताते है तो तुम और मैं किस खेत की मूली है।
    तीसरा याद करो विराट नगर का गौ हरण जो कि युद्ध में परिणत हुआ जिसमें अर्जुन ने ब्रहनला के रूप में सब कौरव, भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कर्ण और दुर्योधन को परास्त भी किया और उनके वस्त्र भी हरण किए क्योंकि उसकी शिष्या की इच्छा थी।
    चौथी बात, महाभारत के युद्ध में हारने वाले को मौत ही मिलने वाली थी, यानी कि प्रतिद्वंदी को मारना ही था इसीलिए अर्जुन कभी भीष्म और द्रोण से सीधा युद्ध नहीं करना चाहते थे, क्योंकि दोनों उसके लिए पूजनीय थे, और किसीभी हाल में वो उनकी हत्या नहीं करना चाहते थे। जब भी उनके साथ युद्ध हुआ विजय अर्जुन की ही हुई।
    निवात कवच राक्षस जो कि समुद्र में निवास करते थे जिनसे रावण भी जीत नहीं पाया था और संधि करने पर मजबूर हुआ था, जो देवताओं के लिए भी असाध्य थे उनको अर्जुन ने अपने अमित पराक्रम से मार दिया था, वैसे ही कालकेय या कालखंज राक्षसों का था वो भी देवताओं के लिए असाध्य बने हुए थे उनको भी अर्जुन ने ही इंद्र के कहने पर मार गिराया था। तो ये स्पष्ट है कि पराक्रम में अर्जुन देवताओं से भी ऊपर था। जब स्वयं महादेव किसकी प्रशंसा कर दे वो कैसा होगा?
    एक और बात अर्जुन ने पूरे महाभारत में धर्म का साथ नहीं छोड़ा और कितनी भी विषम परिस्थिति हो अपने पास जो अमोघ अस्त्र थे उनका अनुसंधान नहीं किया, पाशुपताश्र हो या ब्रह्मशिर हो उसने तूणीर से निकाले ही नहीं। अगर निकालते तो क्या होता?
    यानी इतने घोर अस्त्रों को धारण करके उनका कितना सम्मान किया की निरीह सैनिकों पर उसका प्रहार नहीं किया जबकि दुर्योधन के व्यंग्यबाण से त्रस्त हो कर द्रोणाचार्य ने निरीह सैनिकों पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया तभी तो सारे ब्रह्मर्षि पक्षियों के रूप में आए और उनको अस्त्र शास्त्र त्याग करने रथ में बैठ जाने को कहा और अपने ब्रह्मर्षि होने के दायित्वों का स्मरण करवाया।
    अर्जुन जैसा कोई दूसरा नहीं था।
    कर्ण तो अभिमन्यु से हारे, अर्जुन के शिष्य और कृष्ण के सखा सात्यकि से भी हारे यहां तक कि भीम से भी हारे तो अर्जुन से तो बात ही क्या? किसी भी युद्ध में कर्ण अर्जुन से नहीं जीते।
    तो कोई मुकाबला ही नहीं था।

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 3 месяца назад

      @@DrNileshParikh 200% Right Broder🙏🙏

    • @hariomsoni6553
      @hariomsoni6553 3 месяца назад

      100% sahi hai bhai Mahabharat Vyas Rachit likhit Mul Mahabharat mein yahi likha hai

    • @surendrasinghnegi885
      @surendrasinghnegi885 3 месяца назад

      Saty vachan

    • @sajjansingh3815
      @sajjansingh3815 3 месяца назад

      Birkul sahi kaha aap ne

    • @rohitshroff7421
      @rohitshroff7421 3 месяца назад

      Jo mahabharat nhi padha huwa hai wahi karan vs Arjun kar raha jisne padh rakha hai usko sab maloom hai
      aap sabhi se yhi kahana hai khud se ek baat mahabharat padh lo

  • @Indraneelsarkar127
    @Indraneelsarkar127 2 месяца назад +3

    सनातन एवं शाश्वत ऋषि नर-नारायण🙏🏻प्रभु श्री कृष्ण ने अर्जुन जी से कहा🙏🏻
    'तब जनार्दन ने पार्थ से कहा, "तुम मेरे हो और मैं तुम्हारा हूँ। जो कुछ मेरा है, वह तुम्हारा भी है। जो तुमसे घृणा करता है, वह मुझसे भी घृणा करता है। जो तुम्हारा अनुसरण करता है, वह मेरा अनुसरण करता है। हे अजेय! तुम नर हो और मैं हरि नारायण हूँ। हम इस संसार में उस लोक से उत्पन्न ऋषि नर और नारायण हैं। हे पार्थ! हे भरत वंश के वंशज! तुम मुझसे भिन्न नहीं हो। मैं तुमसे भिन्न नहीं हूँ। हे भरत वंश के क्षुद्र! हम दोनों में जो भेद है, उसे कोई नहीं जान सकता।
    वन पर्व (अर्जुनाभिगमन पर्व) - अध्याय ३१०(१३)

  • @akshitneginegiji7004
    @akshitneginegiji7004 10 дней назад +2

    अर्जुन की वजह से युद्ध नहीं जीते थे करण अर्जुन कोई एक ही दिन मे हरा सकता था ❤

  • @Kishordeka-98AD
    @Kishordeka-98AD 4 месяца назад +7

    Mahabharat me sabse durbal yudha tha arjun.....

    • @lover---boy--184
      @lover---boy--184 4 месяца назад

      Thuje kuch nahi pta

    • @lover---boy--184
      @lover---boy--184 4 месяца назад

      Arjun sarvshreshth dhanudhar tha🎉

    • @Kishordeka-98AD
      @Kishordeka-98AD 4 месяца назад +2

      @@lover---boy--184
      Arjun kush v nehi pitamah bhishm,guru dron ke samne.wah to unke priya the isliye unpar wese prahar nehi Kiya.....
      Aur ek bat :
      1.karn hara nehi tha haraya geya.
      2.Arjun jita nehi tha jitaya geya tha.

    • @AnkitKumar-ej5mo
      @AnkitKumar-ej5mo 4 месяца назад

      ​@@Kishordeka-98ADkahan pdha bhai

    • @GLR_LODHI
      @GLR_LODHI 3 месяца назад +1

      Thugha khuch nahi phata arjun aak chakkkkkk... tha😊😊😊😂😂😂😂😂😂​@@lover---boy--184

  • @shankarsinghrajpoot242
    @shankarsinghrajpoot242 Месяц назад +2

    महाभारत के वनपर्व के कैरातपर्व में महादेव ने कहा है कि हे पार्थ! मैं तुम्हे दिव्य दृष्टि देता हूं। तुम ही पूर्व जन्म के ऋषि नर हो।
    तुम्हारा तेज और पराक्रम मेरे सामान है।
    अब जिसे महादेव ने अपने समान बताया हो उससे श्रेष्ठ होना मतलब महादेव से भी श्रेष्ठ होना है।
    अब जिनको लगता है कर्ण अर्जुन से श्रेष्ठ था वो कर्ण को महादेव से भी बढ़कर मानते है क्या?

  • @अवधेशकुमारराय
    @अवधेशकुमारराय 4 месяца назад +7

    आप यह भूल रहे हैं कि अर्जुन के पास शिव का पाशुपातास्त्र भी था जो न तो भीष्म और न तो द्रोण के पास था। अर्जुन का तामरध्वज ने भी हराया था। जो अस्त्र-शस्त्र भीष्म पितामह और द्रोण को परशुराम से प्राप्त हुआ था । वे लोग उसी से संतुष्ट हो गये थे लेकिन अर्जुन ने स्वर्ग जाकर इंद्र सहित कई देवताओं से अस्त्र-शस्त्र प्राप्त किया था। अर्जुन ने अपने कुल दिव्यास्त्र का मात्र 25% ही प्रयोग किया था। महाभारत का पुरा अध्ययन किजीए।

    • @LaxmiPrasadKushwaha-oi8qh
      @LaxmiPrasadKushwaha-oi8qh 4 месяца назад

      Pagal baba ho

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 4 месяца назад

      Arjun ke pass Divyashtro ki shrinkhla thi jo kabhi khatam nahi ho sakti thi uske pass aise aise Divyashtra the jo Manav yudh me barjit the
      Agar Arjun chahta to Mahabharata palak jhapkte khatm kar deta lekin yudh niyam or Naitikata ka dhayan rakhkar usne aisa nahi kiya or sab kuchh Bhagwan Krishna ke Margdarshn me hone diya

    • @nareshkuchwaya
      @nareshkuchwaya 4 месяца назад

      Bhismpita ko to barbarik bi nhi hara sakta ta

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 4 месяца назад

      @@अवधेशकुमारराय Bilkul sahi kaha aap ne👌👌🙏🙏🚩🚩

    • @vinodchaudhary6621
      @vinodchaudhary6621 4 месяца назад

      Right

  • @sumittyagi3442
    @sumittyagi3442 2 дня назад +1

    भगवान शिव ही कृष्ण है और श्री कृष्ण ही शिव है जो इन दोनों में भेद करता है
    वो तो अज्ञानी हैं
    ऊं नम शिवाय

  • @aryaraj1898
    @aryaraj1898 2 месяца назад +4

    Video banane se phle Mahabharat to apdh liye hote bhai😅 Fact do Arjun only can defeated by Lord Krishna and Lord Shiva 🙏🙏

    • @sujitmohanty2457
      @sujitmohanty2457 12 дней назад

      Isne Tino Mahabharata serial thik se dekha he😂

  • @nirajanboharabohara
    @nirajanboharabohara День назад +2

    Karan ne Arjun ko 3 bar jivan dan Diya tha 😎☠️👿

  • @omparkashgupta8784
    @omparkashgupta8784 5 месяцев назад +3

    Arjun ko Karn hra saktaa hai

  • @gauravmarape6857
    @gauravmarape6857 2 месяца назад +4

    Tumne puri mahabharat nahi padi he

    • @mohit9088
      @mohit9088 2 месяца назад +1

      To aapne padi hai hume bhi bata dijiye kripa kijiye hum pr bhi hum bhi pad lengai lagta hai us wali mahabharata mai arjun ko shri ram jaisa dhanurdhari mana gaya gai hai 😂😂😂😂

  • @skstartimlidance9078
    @skstartimlidance9078 8 дней назад +3

    Tera kya bakvas hai re👊👊

  • @RohitSani-jh3ri
    @RohitSani-jh3ri 4 месяца назад +6

    यहां पर सूर्य देव के कवच कुंडल का अपमान हुआ है शायद आप यह भूल रहे हैं की जो कुंडल कवच कारण के पास था वह महाभारत में किसी और योद्धा के पास नहीं था और उस कुंडल कवच के होते हुए करण को तीनो लोक में कोई नहीं हरा सकता था आप तो यह भी भूल गए कि करण के पास जो विजय धनुष था वह खुद महादेव का धनुष था और उस धनुष की खास बात यह थी कि जिस योद्धा के पास वह धनुष है उसे तीनों लोकों में कोई नहीं हरा सकता इसलिए अपने विजय धनुष का भी अपमान किया है महाभारत में जब कर्ण का वध किया गया था तब करण के हाथों में ऊसका विजय धनुष नहीं था महाभारत का जब युद्ध समाप्त हुआ था तब भगवान श्री कृष्णा ने अर्जुन को यह दृश्य भी दिखाया था कि अगर भगवान हनुमान और भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के रथ पर नहीं होते तो करण के दिव्या अस्त्रों की शक्ति से ही अर्जुन के रथ समेत अर्जुन नष्ट हो जाते और करण को जिस गुरु ने शिक्षा दी थी वह तो अर्जुन के गुरु के भी गुरु थे यहां पर तुमने भगवान परशुराम की विद्या और उनके शिष्य का भी अपमान किया है और कर्ण के पास वह नागाअश्तर भी था जो अर्जुन से अपने परिवार का बदला लेना चाहता था अगर भगवान श्री कृष्णा अपने अंगूठे से रथ को नीचे नहीं दबाते तो उस अश्तर से ही अर्जुन की मृत्यु हो जाति धान में कवच कुंडल देने के बाद करण को जो अमूल्य शक्ति प्राप्त हुई थी यदि वह अस्तर किसी पर छोड़ा जाता तो तभी उसे शख्स की मृत्यु हो जाती महाभारत में इसका वर्णन भी हुआ है भीम के पुत्र घटोत्कच पर जब yha अस्त्र चलाया गया था तो उसकी क्षण भर में ही मृत्यु होगई थी जिस योद्धा ने अपने दिव्यास्त्र शक्तियों के बल से भगवान श्री कृष्णा और हनुमान के रथ को दो कदम पीछे हटा दिया क्या वह योद्धा नहीं यदि भगवान श्री कृष्णा और हनुमान नहीं होते तो शायद करण अर्जुन का वध कर देता यह सब कटु वचन मुझे इसलिए बोलने पड़े क्योंकि यहां पर तुमने किसी योद्धा के बल का अपमान किया महादेव के विजय धनुष का भगवान परशुराम की विद्या का और विजय धनुष का भी अपमान किया है और सत्य क्या है प्रभु जानते हैं इसमें कोई शक नहीं है कि अर्जुन महान योद्धा था वह भी एक सर्वश्रेष्ठ योद्धा था क्योंकि वह धर्म के साथ था

    • @spiderman-rv8bb
      @spiderman-rv8bb 4 месяца назад

      Lagta hai balak tu sirf serial dekh kar aaya hai..teri likhi bate ek v sach nhi hai😂😂😂😂

    • @daringdipu3127
      @daringdipu3127 4 месяца назад

      @@spiderman-rv8bb aap kya Mahabharata ka yudh ke samay barbarik ka tarah udhar khara tha

    • @spiderman-rv8bb
      @spiderman-rv8bb 4 месяца назад

      @@daringdipu3127 islie bole hai na balak tune Mahabharata book nhi padha hai.. barbarik ka jikra nhi hai Mahabharata me...uska jikra keval skand puran me hai

    • @RohitSani-jh3ri
      @RohitSani-jh3ri 4 месяца назад

      Bhai sorry but tune kaun sa asali Mahabharat Dekhi Hai

    • @RohitSani-jh3ri
      @RohitSani-jh3ri 4 месяца назад

      @spiderman-rv8bb Jo aisa bol raha hai

  • @karanpatel9255
    @karanpatel9255 День назад +1

    Sabse bhayanak yodha surya putra Karn the ... parashuram g bhi ye sabit kar diye the ❤❤❤❤❤❤

  • @Sumitjatav89ji
    @Sumitjatav89ji 11 дней назад +3

    Kran is best yodha in mhabhart

  • @jay_Gaming772
    @jay_Gaming772 3 месяца назад +2

    Pawar of karan❤❤❤

    • @Explorerut
      @Explorerut 2 месяца назад

      Isn't it the same Karna who RAN AWAY FROM THE BATTLE FIELD in the fight with Gandharvas? Or is it the member of the GANG OF COW-THIEVES, whom Arjuna defeated single-handedly in Virat Parva? 🤦🏻‍♂️

  • @RadhikaRadhika-q3d
    @RadhikaRadhika-q3d 4 месяца назад +3

    Radhe karn❤❤❤❤
    Radhe radhe

  • @Yadavkbshorts
    @Yadavkbshorts 2 месяца назад +2

    अर्जुन को हराने के सक्ति कर्ण के पास था। कर्ण के घातक बाण से कृष्ण ने अर्जुन को बचाया

  • @vijaymarmat1771
    @vijaymarmat1771 4 месяца назад +3

    Karan is great warrior

  • @Indraneelsarkar127
    @Indraneelsarkar127 2 месяца назад +2

    Shreemad Bhagavad Gita: Chapter 18, Verse 78 🙏🏻
    यत्र योगेश्वर: कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धर: |
    तत्र श्रीर्विजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम || 78||
    जहाँ भी योग के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण हैं, तथा जहाँ भी श्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन हैं, वहाँ निश्चित रूप से अनन्त ऐश्वर्य, विजय, समृद्धि और धर्म विद्यमान होंगे। इस बात का मुझे पूरा विश्वास है।
    Wherever there is Shree Krishna, the Lord of all Yog, and wherever there is Arjun, the supreme archer, there will also certainly be unending opulence, victory, prosperity, and righteousness. Of this, I am certain.

  • @BIJOYD3x
    @BIJOYD3x 5 месяцев назад +3

    Karan ❤️❤️❤️🔥🔥🔥🔥🎉🎉❤️‍🔥❤️‍🔥☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️🙏🙏

  • @Yadavkbshorts
    @Yadavkbshorts 2 месяца назад +2

    श्री कृष्ण खुद अर्जून को कह रहा था। कर्ण तुमसे जडा पावर फुल है

  • @uttamsingh8958
    @uttamsingh8958 2 месяца назад +4

    Karan mahan tha arjun se bhi jada bina shree krishna ke kuch nhi tha arjun bhi

    • @Indraneelsarkar127
      @Indraneelsarkar127 2 месяца назад

      कर्ण को अंग का राजा बनाने वाले महाराज धृतराष्ट्र द्वारा अर्जुन की शक्ति का वर्णन महाभारत युद्ध के १६वे दिन के बाद🏹
      "धृतराष्ट्र ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जुन ने अपनी इच्छा से तुम सभी का वध कर दिया। वास्तव में, यदि अर्जुन उसके विरुद्ध शस्त्र उठाता, तो संहारक भी युद्ध में उससे बच नहीं सकता था। पार्थ ने अकेले ही भद्रा को वश में कर लिया और अकेले ही अग्नि को प्रसन्न कर लिया। अकेले ही उसने सारी पृथ्वी को अपने अधीन कर लिया और सभी राजाओं को कर देने पर विवश कर दिया। अकेले ही उसने अपने दिव्य धनुष से निवातकवचों का वध कर दिया। अकेले ही उसने शिकारी के वेश में उसके सामने खड़े महादेव से युद्ध किया। अकेले ही उसने भरतों की रक्षा की और अकेले ही उसने भव को प्रसन्न किया। अकेले ही उसने पृथ्वी के सभी भयंकर पराक्रम से संपन्न राजाओं को परास्त कर दिया। कौरवों को दोष नहीं दिया जा सकता। दूसरी ओर, वे (ऐसे योद्धा से युद्ध करने के लिए) प्रशंसा के पात्र हैं। अब मुझे बताओ कि उन्होंने क्या किया। हे सूत, उसके बाद दुर्योधन ने क्या किया?'
      कर्ण पर्व- खंड ३१

    • @Indraneelsarkar127
      @Indraneelsarkar127 2 месяца назад

      जब अर्जुन ने स्वर्ग में देवताओं से भी अपराजेय निवातकवच राक्षसों, असुर लोक हिरण्यपुर का ध्वंस किया था तब प्रभु देवराज इंद्र ने उनसे यह कहा था 🙏🏻
      'अर्जुन ने कहा, "किसी समय, जब मैंने देखा कि मैं बाणों के घावों से मुक्त हो गया हूँ और आराम कर रहा हूँ, तो देवताओं के राजा ने मुझसे कहा, 'हे भरतवंशी! सभी दिव्यास्त्र अब तुम्हारे हैं। पृथ्वी पर ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो तुम्हें परास्त कर सके। हे पुत्र! जब तुम युद्ध के मैदान में लगे हो, तो भीष्म, द्रोण, कृपाचार्य, कर्ण और शकुनि, अन्य सभी राजाओं के साथ मिलकर भी तुम्हारे सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं हैं।' 212 तब भगवान माघवान ने मुझे यह दिव्य और अभेद्य कवच और एक स्वर्ण की माला दी। उन्होंने मुझे देवदत्त शंख भी दिया, जो बहुत ही महान ध्वनि करता है। इंद्र ने स्वयं मेरे सिर पर यह दिव्य मुकुट पहनाया। तब शक्र ने मुझे ये दिव्य वस्त्र और दिव्य आभूषण दिए, जो बहुत ही सुंदर और संख्या में थे। हे राजन! इस प्रकार सम्मानित होकर, मैं गंधर्वों के बच्चों के साथ इंद्र के धाम में सुखपूर्वक रहने लगा।
      मुझ पर अत्यंत प्रसन्न होकर, शक्र ने अमर देवताओं के साथ मुझसे कहा, 'हे अर्जुन! तुम्हारे जाने का समय आ गया है। तुम्हारे भाई तुम्हें याद कर रहे हैं।' हे भरतवंशी! हे राजन! इस प्रकार मैंने जुए के कारण जो कलह हम पर आई थी, उसे याद करते हुए इंद्र के धाम में पाँच वर्ष बिताए। फिर, जब तुम गंधमादन पर्वत पर आए, तो मैंने तुम्हें अपने भाइयों से घिरे हुए शिखर पर देखा।"
      वन पर्व(यक्ष-युद्ध पर्व)- अध्याय ४६८(१७१)

  • @sagarchanchad7700
    @sagarchanchad7700 Месяц назад +1

    अर्जुन फिर अर्जुन है। श्रीकृष्ण के हिसाब से महादेव के अतिरिक्त ऐसा कोई नहीं है जो उसे रणभूमि मे हरा सके

  • @MDNasir-h1i
    @MDNasir-h1i 4 месяца назад +6

    Arjun puraskar ki jay ho karan puraskar kahi nahi hai

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 4 месяца назад

      @@MDNasir-h1i sahi hai Batel Tank Arjun Tank Spots Award Arjun Award
      Karan ke name par Baba ji ka thullu 😀😀😀

  • @RajeshRai-od2rk
    @RajeshRai-od2rk 11 дней назад +1

    Mahadev or Bhagwan Krishana ke Alawa Arjun ko harane ka samarthya kisi bhi yodha me nahi tha jai Shri Krishna 🙏🙏🚩🚩

  • @allin1tech
    @allin1tech 21 день назад +3

    Jab Karan ne takshak nag ashtra choda tab Krishna ne Rath ko jamin me das diya tha Varna takshak nag k jahar se wo khatam ho jata ...Bhai adhura ghayan na bantho

  • @Huntsong679
    @Huntsong679 День назад +1

    Bhai karn wale decision se unsatisfied hu mai 😢😢

  • @madanmohanpurohit1992
    @madanmohanpurohit1992 4 месяца назад +5

    भगवान कृष्ण ने कहा है आज संसार भगवान शिव के अतिरिक्त कौन है अर्जुन को चुनौती दे सके

  • @YourajBasnet-x7j
    @YourajBasnet-x7j Месяц назад +2

    Sayad tum bhool rahe ho, Mahabharata ke yudh me bina kavach kundal ke bhi karna arjun par vari par raha tha , arjun ki jeet isi liye hui thi kyuki vasudev sri krishna arjun ke sath the , phir bhi agar arjun ne karna ko chhal se na mara hota to karna kabhi hara nahi hota .
    Aur tum kaha rahe ho ki karna mai samarthya nahi tha.
    I am proud of you daanveer karna ❤❤❤

  • @RajSharma-ci5yr
    @RajSharma-ci5yr 4 месяца назад +3

    Arjun sirf ek ladai hara tha wo bhi apne bete se kuki kamakhya devi ka wardaan tha baaki koi bhi ladai Arjun nahi hara tha tabhi uska naam Vijay bhi tha❤❤❤❤❤

  • @SukhnandanKumhar
    @SukhnandanKumhar 2 месяца назад +2

    Arjun ki vajah se nahi shree krishna ji ke wajah se jeete

  • @ramachandrajena8123
    @ramachandrajena8123 4 месяца назад +3

    Karn ne Arjun ku 17 din mein haradiatha Agar Bhagawaan krishna nahin hote to.

  • @SanjayKumar-bx2un
    @SanjayKumar-bx2un 10 дней назад +2

    Abe karn isa yodha tha jisko hrane ke liye narayan or hanuman ko aana pada tha unko harane ke liye 😂😂😂😂

  • @tejaramjangushriudaramjangu
    @tejaramjangushriudaramjangu 4 месяца назад +3

    विष्णु भगवान के शेषनाग अवतार पांडव पुत्र अर्जुन को हराने वाला न इस धरती पैदा और ना ही विष्णु के शेषनाग को हराने वाला कभी भी इस धरती पर पैदा नहीं होगा तेजाराम जागूं बेरा पुगल का ये तर्क है

  • @दयालमेऊसर
    @दयालमेऊसर 4 месяца назад +2

    करण जैसा योद्धाकोई नहीं था❤❤❤❤❤

  • @ParveenRai-m6o
    @ParveenRai-m6o 4 месяца назад +80

    Bhai sahab Karan chahta to Arjun ka kab ka Mahabharat mein Vadh kar deta

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 4 месяца назад +23

      @@ParveenRai-m6o lagata hai Mahabharat ki ABCD bhi pata nahi hai
      Karan ke jiwan ka sabse bada aim hi tha Arjun ko parajit karana ya usko maar dalna isiliye usne Kunti ko Arjun ko chhodkar 4 Pandavo ko na marane ka bachan diya tha Arjun ko marne ke liye hi usne Aasuri pratigaya ki thi
      1--- kisi se pair nahi dhulwauga
      2--kabhi maans nahi khauga
      3-- Kabhi kisi ko apne darwaje se Khali hath nahi Jane duga
      Or ye pratigya usne Arjun ko marane ke liye ki thi or marte dam tak usne usko ni haya bhi tum bole rahe ho ki chahta to Arjun ko maar deta
      Karan ne apna sara dam laga diya lekin Arjun us se bahut aage ki chij tha jab jab Karan or Arjun ka samana hua Karan ko hi parajit hona pada tha

    • @RajSharma-ci5yr
      @RajSharma-ci5yr 4 месяца назад +7

      Bete kabhi niwat kawach or kalkhaj rakshsho ka Arjun ke saath yudh ko padhna Karna jaise 60000 Vishal dhanush dhariyon ko Arjun ne akele Haraya tha or wo itne balsali the ki Indra se uska swarg cheen liya tha jo real mai Hiranyapuri asli swarg tha Indra jisme rahte the wo Naya swarg vishwakarma ji ne banaya tha kaalkhaj or niwat kawach ne Rawan or meghnaath ko bhi haraya tha niwat kawach ki ginti 3 crore thi waha Arjun ne first time Pasupati Astra calaya tha or Wazrastra calaya tha or Indra ko uska asli swarg wapas mila tha yahi Indra ki Guru dakshina thi❤❤❤❤❤
      Dronacharya ko bhi Arjun ne he Guru dakshina di thi Drupad ko hara kar ❤❤❤❤❤❤❤ Karna sala Ghamandi tha❤❤❤❤❤❤❤

    • @premkarn6811
      @premkarn6811 4 месяца назад

      To fir qu Karan se uska kawach xinliya gya

    • @RajeshRai-od2rk
      @RajeshRai-od2rk 4 месяца назад +6

      @@premkarn6811 Karan ka Kawach kundal isliye maag liya gaya ki Beta ab tumhara dunia se jane ka samay aa gaya hai Devatao ki di hui sari chij marane se pahale unke pass chali jati hai
      Arjun chahta to aasani se Karan ke Kawach ko tod deta lekin aisa karne se Arjun ki Mrityu ho jati
      Nar Narayan or Dambhodya Rakshas ki story padho
      Isiliye Bhagwan Krishna ne Indra se kahakar yek sath 2 kaam kiya

    • @JK_Bhadre
      @JK_Bhadre 4 месяца назад +1

      1st I'll tell you ki Arjun kaise karn se aache yoddha the.. Geetapress mahabharat adi parv ke anargat sambhav parv adyay 137 shlok 25 gurudakshina yuddh me karn drupad se haar jate h or Arjun apne bhaiyo k sath jake drupad ko harate h or bandi bna lete hai🙏geetapress mahabharat adi parv ke antargat swayamvar parv adyay 129 karn baki rajao k sath milkar, Arjun se swayamvar k baad dropdi ko chin lene k liye aate h or Arjun(uss time brahaman roop me the) karn ko hara dete hai🙏❤ geetapress mahabharat van pparv ke antargat gosh yatra parv adyay two hundred forty two shlok 1 गन्धर्वैस्तु महाराज भग्ने कर्णे महारथे ।सम्प्राद्रवच्चमूः सर्वा धार्तराष्ट्रस्य पश्यतः ।। १ ।। वैशम्पायनजी कहते हैं- महाराज ! गन्धर्वांने जब महारथी कर्णको भगा दिया, तब दुर्योधनके देखते-देखते उसकी सारी सेना भी भाग चली ।। १ ।। gandharvo se yuddh me karn haar gaye or bhag gaye duryodhan kaid ho gaye, Arjun ne aakr gandhavo ko haraya or duryodhan ko kaid se bachaya❤🙏abhi tak maine jitne yuddh bataye h unme karn k paas kavach kundal the van parv adyay three hundred two me karn se kavach kundal indra le gaye or badle me vasvi shakti dedi, kavach kundal k sath karn ko haraya ja sakta tha kitnu mara nhi ja sakta tha🙏 ab jitne yuddh hm batayenge unme kavach kundal nhi honge🙏 virat yuddh karn arjun se 3 baar hare pehli baar hare or bhag gaye dobara aaye karn toh dobara haar gaye or arjun ne karn k bhai(adhirath ke dusre bete) ka vadh kar dia 3rd time arjun ek sath bhisma dron karn ashwathama duryodhan shakuni dushashan aadi se lade or sabko sammohan astra se murchit kar dia, lekin murchit avastha me kisi ka vadh nhi kia🙏 ye sabhi yuddh yahi bata rahe h ki arjun karn se aache yoddha the or karn ko haraya bhi tha kai baar bina krishna ji ki help ke❤🙏iske baad mahabharat yuddh me karn, satiyiki (Arjun k shishya) se kai baar hare ek baar abhimanyu se hare, kai baar bheem se hare or ek baar bheem ko haraya❤🙏

  • @Indraneelsarkar127
    @Indraneelsarkar127 2 месяца назад

    जब युद्धिस्थिर जी और महाबली भीम का जन्म हुआ था तब पांडु जी ने ऐसे पुत्र की कामना की थी जो तीनों लोकों में शक्तिशाली हो,सर्वश्रेष्ठ हो तब उन्होंने इंद्रदेव की तपस्या शुरू की क्योंकि देवताओं में वो सर्वश्रेष्ठ हैं शक्तिशाली है, उनसे प्राप्त संतान भी वैसा ही होगा। जब अर्जुन जी का जन्म हुआ तब उनका भविष्य आकाशवाणी के रूप में होने लगी और स्वर्ग से देवताओं के सभी श्रेणियां, महर्षियों , महाजनों सभी उनके दर्शन और स्तुति गान के लिए आए थे🙏🏻
    "देवताओं के राजा आये और उनसे अर्जुन का जन्म हुआ। पुत्र के जन्म लेते ही आकाश में एक अदृश्य वाणी सुनाई दी, जो गर्जना और गम्भीर गर्जना के साथ थी। "हे कुन्ती! वह पराक्रम में कार्तवीर्य और शिबि के समान होगा, इन्द्र के समान अजेय होगा। वह तुम्हारा यश सर्वत्र फैलाएगा। जैसे विष्णु ने अदिति का सुख बढ़ाया था, वैसे ही अर्जुन भी तुम्हारा सुख बढ़ाएगा। वह मद्र, कुरु, केकय, चेदि, काशी और करुष देशों को अपने अधीन कर लेगा और कौरवों की समृद्धि स्थापित करेगा। अपनी भुजाओं के पराक्रम से हव्यवाहन खाण्डव के समस्त प्राणियों की चर्बी से परम तृप्त होगा। अपने भाइयों के साथ यह महाबलशाली योद्धा सभी छोटे सरदारों को परास्त कर देगा और तीन यज्ञ सम्पन्न करेगा। हे कुन्ती! पराक्रम में वह विष्णु और जमदग्नि के पुत्र राम के समान होगा। ३०४ वह वीरों में श्रेष्ठ होगा और अजेय होगा। उसे सभी प्रकार के दिव्यास्त्र प्राप्त होंगे। वह मनुष्यों में वृषभ होगा और खोया हुआ धन पुनः प्राप्त करेगा।" जब कुन्ती अपने प्रसव कक्ष में थी, तब आकाश से ये अद्भुत शब्द सुनाई दिए और कुन्ती ने उन्हें सुना। शतश्रृंग पर रहने वाले तपस्वियों ने भी ये जोरदार शब्द सुने और वे अत्यंत प्रसन्न हुए। देवर्षि, इंद्र और अन्य देवताओं ने तथा नगाड़ों के बजने की ध्वनि से आकाश में भारी कोलाहल मचा दिया। इस गर्जनापूर्ण गर्जना के बीच, पूरा स्थान फूलों की वर्षा से आच्छादित हो गया।
    'सभी देवता पार्थ को सम्मान देने के लिए एकत्र हुए - कद्रू और विनता की संतान, गंधर्व, अप्सराएँ, सभी प्राणियों के स्वामी और सभी सात महर्षि, भारद्वाज, कश्यप, गौतम, विश्वामित्र, जमदग्नि, वशिष्ठ और महान अत्रि, जो सूर्य के नष्ट हो जाने पर उत्पन्न हुए थे। मरीचि, अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह, क्रतु, प्रजापति और सभी गंधर्व और अप्सराएँ भी आईं। दिव्य मालाएँ और वस्त्र पहने, हर तरह के आभूषणों से सुसज्जित, अप्सराएँ नाचती रहीं और बिभत्सु की स्तुति गाती रहीं। सुंदर तुम्बुरु के साथ अन्य गंधर्व भी गाने लगे- भीमसेन, उग्रसेन, उरनायु, अनघ, गोपी, धृतराष्ट्र, सूर्यवर्चा, युगप, त्रिनप, कार्ष्णि, नंदी, चित्ररथ, शालिशिरा, पर्जन्य, काली और सोलहवें नारद; और सत, बृहत, बृहक, अत्यंत प्रसिद्ध कराल, ब्रह्मचारी, बहुगुणा, प्रसिद्ध सुपर्ण, विश्वावसु, भूमन्यु, सुचंद्र दसवें और प्रसिद्ध हाहा और हुहु, जिनके गीत मधुर हैं। हे मनुष्यों में बैल! ये गायन करने वाले दिव्य गंधर्व थे। अप्सराएँ प्रसन्न हुईं और हर आभूषण से सजी हुईं थीं। उन शानदार लंबी आंखों वाली महिलाओं ने नृत्य किया- अनुना, अनावद्या, प्रियमुखिया, गुणवरा, अद्रिका, शची, मिश्रकेशी, अलम्बुषा, मरीचि, शुचिका, लक्षणा, क्षेमा, देवी, रंभा, मनोरमा, असिता, सुबाहु, सुप्रिया, सुवापु, पुंडरिका, सुगंधा, सुरथा, प्रमथिनी, काम्या और शरदवती। सभी ने समूह बनाकर नृत्य किया। मेनका, सहजन्या, पर्णिका, पुंजिकस्थला, क्रतुस्थला, घृताची, विश्वाची, पूर्वचित्ति, जो उम्लोचा और प्रम्लोचा के नाम से प्रसिद्ध हैं- ये दस और ग्यारहवीं उर्वशी गाने वाली लंबी आंखों वाली अप्सराएं थीं। अग्नि की ज्वालाओं के समान तेजस्वी आदित्य महान पाण्डवों की महिमा बढ़ाने के लिए आकाश में एकत्र हुए थे - धाता, अर्यमा, मित्र, वरुण, अंश, भग, इन्द्र, विवस्वत, पूषा, त्वष्टा, पर्जन्य और विष्णु। हे पृथ्वी के स्वामी! वहाँ पर महान रुद्र थे - मृगव्याध, शर्व, अत्यन्त प्रसिद्ध निरऋति, अज एकपाद, अहिर्बुध्न्य, शत्रुओं का नाश करने वाले पिनाकी, दहन, ईश्वर, कपाली, स्थाणु और महान भग। अश्विन, आठ वसु, अत्यन्त शक्तिशाली मरुत, विश्वदेव और साध्य भी वहाँ एकत्र हुए थे। कर्कोटक, शेष और वासुकि, कच्छप, अपकुण्ड और महाबली नाग तक्षक वहाँ पर महान ऊर्जा, महान क्रोध और महान शक्ति के साथ उपस्थित थे। अन्य अनेक नाग भी वहाँ एकत्र हुए थे। वहाँ विनता के पुत्र भी थे - तार्क्ष्य, अरिष्टनेमि, गरुड़, असितध्वज, अरुण और आरुणि। जब उन्होंने यह महान आश्चर्य देखा, तो श्रेष्ठ तपस्वी आश्चर्यचकित हो गए। पाण्डु के पुत्रों के प्रति उनका स्नेह और भी बढ़ गया।"
    आदि पर्व(संभव पर्व)- अध्याय ११४

  • @JigoMer-x4h
    @JigoMer-x4h Месяц назад +4

    Fake he. Karn jesa koy nathi.

  • @rahulbaishya1546
    @rahulbaishya1546 4 дня назад +1

    Karna is best ❤❤❤

  • @rajastidke4725
    @rajastidke4725 2 месяца назад +3

    Suryaputra karna was real warrior... Agree?... 👉

    • @Maharana07-X6
      @Maharana07-X6 2 месяца назад +1

      Sony ka spelling galt hai

    • @Sidhumosewala59116
      @Sidhumosewala59116 2 месяца назад +1

      B.R chopra wala Arjun😂😂😂​@@Maharana07-X6

    • @Maharana07-X6
      @Maharana07-X6 2 месяца назад +1

      @@Sidhumosewala59116 Vedvyaas ji wala arjun 🗿💀🏹

    • @Sidhumosewala59116
      @Sidhumosewala59116 2 месяца назад

      @@Maharana07-X6 acha jock aa hai😂😂

    • @Maharana07-X6
      @Maharana07-X6 2 месяца назад

      @@Sidhumosewala59116 Virat yudhda ka pata hai
      Gandharvo se vedvyaas ji wala karn bhag gaya tha pata hai
      Satyaki ko jante ho

  • @ramnihormishra4738
    @ramnihormishra4738 5 месяцев назад +2

    अतिरथी योद्धा अर्जुन को कोई भी योद्धा हरा नही सकता था।

  • @VikasThakur-p9s
    @VikasThakur-p9s 4 месяца назад +18

    कर्ण जैसा न तो इस दुनिया में योद्धा आवे ओर न रहा कोई ,,,,,कब का पाताल लोक भेज देता अर्जुन सर्जन को😂😂

    • @Explorerut
      @Explorerut 2 месяца назад +1

      Isn't it the same Karna who RAN AWAY FROM THE BATTLE FIELD in the fight with Gandharvas? Or is it the member of the GANG OF COW-THIEVES, whom Arjuna defeated single-handedly in Virat Parva? 🤦🏻‍♂️

    • @lakshidas7643
      @lakshidas7643 2 месяца назад +1

      बिलकुल सेही.........कर्ण योद्धा नहीं.....कर्ण मोहा योद्धा हे।

    • @AOneVeerYT
      @AOneVeerYT 2 месяца назад

      Pasupatas ke bare sayad tumhe pata nahi, Arjun ne pure Mahabharat me apne top 3 astro ka use hi nahi kiya,

    • @nitinrane4395
      @nitinrane4395 2 месяца назад

      ​@@lakshidas7643 जैसे के तू साला खुद महाभारत युद्ध मै था

    • @ArvindKumar-hm3eq
      @ArvindKumar-hm3eq 2 месяца назад

      Jo sony tv dekh rakha h wahi sirf karan ko mahan bol sakta hai

  • @DileepKumar-ln7sh
    @DileepKumar-ln7sh 4 месяца назад +3

    Hello Bhai Arjun ki Aukat nahi thi ki wo Karan ko hara sake Karan ko chhal se mara gaya tha

  • @kesavatadipatri9078
    @kesavatadipatri9078 4 месяца назад +2

    People do not have in-depth knowledge and want to talk about what they don't know. When Shiva tested Arjuna, he did not kill Arjuna. Ashvatthaama was scared of Arjuna. That is why he comes hideously in the night after the war. After his Narayana astra is rendered futile, he gets frustrated and wanted to leave the war and go. Vedavyasa comes and tells him that no one can defeat Krishna and Arjuna as they are Narayana and Nara. Read Moola Mahabharata rather than some novel like books. Who are those two characters you mentioned? Some people think that Karna can defeat Arjuna. They forget how with Uttara being the charioteer, Arjuna defeated entire Kaurava army, where Karna was also there (along with his kavacha and Kundala). The gandharva Chitraratha, who got defeated by Arjuna squarely defeated Karna, who ran away from the battlefield. Read the original again. Instead of being members of the fan clubs, people have to use some brains.

  • @dattatraysathe3510
    @dattatraysathe3510 4 месяца назад +3

    कोई अर्जुन से शक्तिशाली था.तो वो धर्म के साथ नहीं था.अर्जुन ने अपना धर्म नहीं त्यागा.सब नारायण के हवाले किया.बाकी समझ कर भी अधर्म पर चले

  • @Sumitjatav89ji
    @Sumitjatav89ji 11 дней назад +2

    Mhabharath youdh m karan ko koihara sakta nahitha kran is best youdha

  • @ShardaRani-j6m
    @ShardaRani-j6m 5 месяцев назад +3

    Kran bhi the ,mere Bhai bhul gye kya

    • @AadiDubey-ig6th
      @AadiDubey-ig6th 5 месяцев назад

      Mere bhai Karn ke pass pashupatashtra nhi tha
      Aur pashupatashtra ka Tod kisi ke pass nhi tha Mahabharat me bheeshm ke pass bhi nhi aur parashuram ke pass bhi nhi tha ok

  • @parmodvlogsshortvideo
    @parmodvlogsshortvideo 4 месяца назад +2

    Danvir Karn Ke Samne Arjun Kuchh bhi nahi the 😊

  • @sajjansingh3815
    @sajjansingh3815 3 месяца назад +3

    Dhnush dhari me arjun pandawo ke taraf se akele the Aor kawrawo me Anek yodha the to Arjun shbse Akele hi yudh kr rhe the arjun jidhr bhi jatekawro me bhgdad mc jati thi
    Arjun jayesha yodha koi tha hi nahi
    Arjun ke dhnush ke tankar se hi dushman bhagane ka sthan dhudne
    Lagte the arjun kishi se bhi nahi hare the shirf chl kapat ke Alawa Jai shree ram

  • @SandipBishwokarma-n2p
    @SandipBishwokarma-n2p 2 месяца назад +1

    Karan❤❤❤❤

  • @deepasingmehra1588
    @deepasingmehra1588 4 месяца назад +3

    Radhe karn best ❤❤

  • @sampayanmondal1146
    @sampayanmondal1146 Месяц назад +2

    अस्थमा कितनी बार अर्जुन से हारा यह पहले महाभारत पढ़ो यह फालतू बकबक मत करो और लोगों को भूल जानकारी मत दो 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😅😅😅

  • @indrajeetkprajapati947
    @indrajeetkprajapati947 2 месяца назад +3

    गलत बोल सिर्फ कृष्ण भगवान की वजह से अर्जुन जीते

    • @Indraneelsarkar127
      @Indraneelsarkar127 2 месяца назад +2

      धनुर्वेद के रचयिता एवं पितामह भीष्म,गुरु द्रोणाचार्य एवं अंगराज कर्ण जैसे महावीर योद्धाओं के गुरु भगवान परशुराम जी के भी गुरु परमेश्वर प्रभु देवों के देव महादेव द्वारा अर्जुन को उनकी वास्तविक स्वरूप और शक्तियों का वर्णन करना उनके और अर्जुन के मध्य भीषण युद्ध के बाद 🙏🏻
      'अर्जुन के इस आश्चर्य को देखकर तथा यह देखकर कि उसका शरीर तप के कारण क्षीण हो गया है, हर् ने बादलों की गर्जना के समान गम्भीर स्वर में उससे कहा, 'हे फाल्गुन! मैं तुझसे प्रसन्न हूँ, क्योंकि तेरा कार्य अद्वितीय है। साहस और धैर्य में तेरे समान कोई क्षत्रिय नहीं है। और हे निष्पाप! तेरा बल और पराक्रम मेरे ही समान है। हे महाबाहु! मैं तुझसे प्रसन्न हूँ। हे भरतवंशी, मुझे देख! हे विशाल नेत्रों वाले! मैं तुझे आँखें प्रदान करता हूँ (ताकि तू मुझे मेरे वास्तविक रूप में देख सके)। तू पहले ऋषि था। तू अपने सभी शत्रुओं को, यहाँ तक कि स्वर्गवासियों को भी, परास्त कर देगा; मैं तुझसे प्रसन्न हूँ, इसलिए तुझे एक अमोघ अस्त्र प्रदान करता हूँ। शीघ्र ही तू मेरा वह अस्त्र चलाने में समर्थ हो जाएगा।"
      "महादेव ने कहा, 'तुम अपने पूर्वजन्म में नारायण के मित्र नर थे। तुमने वदरी में कई हजार वर्षों तक घोर तप किया था। तुममें तथा नरों में प्रथम भगवान विष्णु में महान पराक्रम विद्यमान है। तुम दोनों अपने पराक्रम से ब्रह्माण्ड को धारण करते हो; हे प्रभु, उस भयंकर धनुष को जिसकी टंकार बादलों की गर्जना के समान थी, उठाकर तुमने तथा कृष्ण ने इन्द्र के राज्याभिषेक के समय दानवों को दण्डित किया था। हे पृथापुत्र, यह गांडीव भी तुम्हारे हाथों के लिए उपयुक्त धनुष है। हे नरश्रेष्ठ! मैंने अपनी माया के बल पर इसे तुमसे छीन लिया है। हे पृथापुत्र, तुम्हारे लिए उपयुक्त ये दो तरकश पुनः अक्षय होंगे! और हे कुरुवंश के पुत्र! तुम्हारा शरीर पीड़ा और रोग से मुक्त हो जाएगा। तुम्हारा पराक्रम विचलित करने में असमर्थ है। हे नरश्रेष्ठ! तुम मुझसे वह वर मांगो जो तुम चाहते हो। हे शत्रुओं को दण्ड देने वाले! हे योग्यतम को उचित सम्मान देने वाले! स्वर्ग में भी कोई ऐसा पुरुष नहीं है जो तुम्हारे बराबर हो और न ही कोई ऐसा क्षत्रिय है जो तुमसे श्रेष्ठ हो।'
      वन पर्व(कैरात पर्व)- खंड ७९ एवं ४०

    • @Indraneelsarkar127
      @Indraneelsarkar127 2 месяца назад +2

      जब अर्जुन ने स्वर्ग में देवताओं से भी अपराजेय निवातकवच राक्षसों, असुर लोक हिरण्यपुर का ध्वंस किया था तब प्रभु देवराज इंद्र ने उनसे यह कहा था 🙏🏻
      'अर्जुन ने कहा, "किसी समय, जब मैंने देखा कि मैं बाणों के घावों से मुक्त हो गया हूँ और आराम कर रहा हूँ, तो देवताओं के राजा ने मुझसे कहा, 'हे भरतवंशी! सभी दिव्यास्त्र अब तुम्हारे हैं। पृथ्वी पर ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो तुम्हें परास्त कर सके। हे पुत्र! जब तुम युद्ध के मैदान में लगे हो, तो भीष्म, द्रोण, कृपाचार्य, कर्ण और शकुनि, अन्य सभी राजाओं के साथ मिलकर भी तुम्हारे सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं हैं।' 212 तब भगवान माघवान ने मुझे यह दिव्य और अभेद्य कवच और एक स्वर्ण की माला दी। उन्होंने मुझे देवदत्त शंख भी दिया, जो बहुत ही महान ध्वनि करता है। इंद्र ने स्वयं मेरे सिर पर यह दिव्य मुकुट पहनाया। तब शक्र ने मुझे ये दिव्य वस्त्र और दिव्य आभूषण दिए, जो बहुत ही सुंदर और संख्या में थे। हे राजन! इस प्रकार सम्मानित होकर, मैं गंधर्वों के बच्चों के साथ इंद्र के धाम में सुखपूर्वक रहने लगा।
      मुझ पर अत्यंत प्रसन्न होकर, शक्र ने अमर देवताओं के साथ मुझसे कहा, 'हे अर्जुन! तुम्हारे जाने का समय आ गया है। तुम्हारे भाई तुम्हें याद कर रहे हैं।' हे भरतवंशी! हे राजन! इस प्रकार मैंने जुए के कारण जो कलह हम पर आई थी, उसे याद करते हुए इंद्र के धाम में पाँच वर्ष बिताए। फिर, जब तुम गंधमादन पर्वत पर आए, तो मैंने तुम्हें अपने भाइयों से घिरे हुए शिखर पर देखा।"
      वन पर्व(यक्ष-युद्ध पर्व)- अध्याय ४६८(१७१)

  • @jagannathsingh9887
    @jagannathsingh9887 2 месяца назад +3

    Iss episode ko bananewalle ne karn ka khyal nahi rakha hai jo galat hai kyoki karn arjuna se shrrsta tha.

  • @VipanKumar-l7t
    @VipanKumar-l7t Месяц назад +5

    Power of Karn

  • @KrishnayadavYadav-y7
    @KrishnayadavYadav-y7 2 месяца назад +2

    Lagta hai video wala abhi mahabharat nhi dekha hai

    • @bmlgaming7815
      @bmlgaming7815 2 месяца назад +2

      Ha TU ne dekha h hamne to padha h 😂

  • @ManoranjanMahakud-l6r
    @ManoranjanMahakud-l6r Месяц назад +3

    Karn ka power kya hai shri krishna bhagwaan ko bhi pata hai. Bina kabaj kundal ke karn ke paas ek dhanush tha jiska naam bijay dhanush hai.😮😮😮

  • @DJ_UK17_SOUND
    @DJ_UK17_SOUND 7 дней назад +1

    No.1 Karn ❤

  • @family.group-br
    @family.group-br 4 месяца назад +3

    Only karn❤❤❤

  • @Statusofficial564
    @Statusofficial564 22 дня назад +2

    Karan mein itni Shakti thi ki Arjun ko kabhi v hansane ki kshamta rahti

  • @TfscscsvTfscscsvsv
    @TfscscsvTfscscsvsv 4 месяца назад +5

    Arjun wins only war but Karn wins trillions of heart❤❤❤

  • @RahulKumar-eu6td
    @RahulKumar-eu6td 2 месяца назад

    महाभारत में अर्जुन ने धर्म युद्ध लड़ा था और अर्जुन धर्म के साथ था पूरे महाभारत युद्ध में अर्जुन ने किसी भी व्यक्ति या योद्धा पर अनुचित शक्ति का प्रयोग नहीं किया था इससे है प्रतीत होता है कि अर्जुन ने युद्ध भूमि में भी अपनी मानवता रखी इसीलिए अर्जुन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर कहलाए

  • @Meshkumar683
    @Meshkumar683 4 месяца назад +9

    अरे मूर्ख कर्ण अजय था उसे मरने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण ने छल किया है अर्जुन के साथ खुद भगवान था और महाबली हनुमान फिर भी कर्ण उसका रथ को तीन कदम पीछे कर दिया इससे तुम अनुमान लगा लो कितना पवार था कर्ण में

    • @Bhogichand
      @Bhogichand 2 месяца назад

      @@Meshkumar683 महाभारत ठीक से पढो!

    • @Bhogichand
      @Bhogichand 2 месяца назад

      @@Meshkumar683 विराट युद्ध में अर्जुन ने सभी महारथी को हरा या था जिसमे कर्ण भी था ! गंधर्व युद्ध में कर्ण दुर्योधन को छोडकर भाग गया था! अर्जुन ने आकर दुर्योधन को छुडाया था! उसके बदले दुर्योधन ने अर्जुन को कुछ मांगने के लिये कहां था ! अर्जुन ने वक्त आने पर मांग लुंगा ऐसा कहां था! आगे चल कर युद्ध आरंभ हुआ तब अर्जुन ने क्या मांगा यह तो आप जानते होंगे! वरना महाभारत पढलो!

    • @RajanBk-y9s
      @RajanBk-y9s 2 месяца назад

      ​@@Bhogichand arjun ardha naari ke rup main thaa. Bhisma pitama aur karna is rup main nahi marna chahta hijraako 😅 Aur karna akela marna chahta thaa.

  • @AkshayAki-kt1us
    @AkshayAki-kt1us 4 месяца назад +2

    Karan tu Karan hai Karan ko koi nahin Hara sakta tha

  • @oviramsarker489
    @oviramsarker489 4 месяца назад +2

    Don't you know how many times Krisna protected Arjun from Karna?

    • @ShahidAfridee-zw4ye
      @ShahidAfridee-zw4ye 4 месяца назад +1

      Mere bhai aur karn ko kitni bar protect kiya tha ashwathama😂
      karn achha yodha tha bt arjun se nhi

  • @AbhishekSingh-ow8xr
    @AbhishekSingh-ow8xr 2 месяца назад +2

    Karn bhakt 🙏🚩

  • @krishnavallabhverma1919
    @krishnavallabhverma1919 5 месяцев назад +5

    शायद आप यह नही जानते की अर्जुन के पास समस्त दिव्यास्त्र थे पाशुपतास्त्र जिसके पास हो उसे कौन हरा सकता है महादेव के पाशुपतास्त्र का सामना सिर्फ नारायण ही कर सकते है लेकिन यदि नारायणास्त्र और पाशुपतास्त्र का टकराव होता तो सम्पूर्ण ब्रम्हांड ही नष्ट हो जाता अर्जुन की इस महानता को भी समझिए कि उसने पूरे युद्ध मे इन अस्त्रों का उपयोग नही किया वह मोहिनी अस्त्र भी जानता था जिससे उसने विराट युद्ध मे समस्त कौरव सेना को मोहित कर हरा दिया था उसकी वीरता को समझो कि वह अकेला ही भीष्म,द्रोण, कर्ण,कृप से सुसज्जित कौरव सेना से लड़ने आ गया था,यक्षों ने भी कर्ण को पराजित कर दुर्योधन को बंदी बना लिया था तब अर्जुन ने ही उन्हें पराजित कर दुर्योधन को छुड़ाया था।अर्जुन जितना वीर था उतना ही उसका चरित्र बल भी था वह सिर्फ योद्धा ही नही बल्कि दृढ़ चरित्र का महामानव भी था और श्रीकृष्ण के रहते उसे कोई भी परास्त नही कर सकता था।यदि वह अपनी पूरी शक्ति से लड़ता तो उसे इंद्र भी नही हरा सकते थे आम इंसान की तो बात ही क्या है परन्तु उन्होंने जनहित को ही सर्वोपरि समझकर विनाशक दिव्यास्त्रों का प्रयोग ही नही किया।महादेव से तो सामना सिर्फ नारायण ही कर सकते है क्योंकि दोनों ही समान हैं महाकाल का सामना तो यम भी नहीं कर सकते इसलिए अर्जुन का महादेव से हारना कोई बड़ी बात नही है।बब्रुवाहन पर भी अर्जुन ने कोई विनाशक अस्त्र का प्रयोग नही किया।

  • @vkawasthi3386
    @vkawasthi3386 5 месяцев назад +1

    एक काल्पनिक कहानी है पर मनोरंजन करता है।

  • @MayankKumar-u3f3i
    @MayankKumar-u3f3i 4 месяца назад +3

    Sab ko PTA h karn kaha tha aur Arjun kaha

  • @ombirsingh3387
    @ombirsingh3387 5 месяцев назад +2

    अकेले चटपटी नाथ ने ब्रह्मा विष्णु महेश और सभी देवताओं को हरा दिया था

  • @RohanSangpal-p9u
    @RohanSangpal-p9u 4 месяца назад +3

    Arjun ne Karan ko bina astar ke kyu mara tha fir jab to Karan ke paas kavach kundhal nhi the

    • @maheshdhyani2311
      @maheshdhyani2311 4 месяца назад +1

      Jub tak vijya dhanush tha karan ko marna namumkin tha guru sharap aur apna wachan nivaya mata kunti ko wachan diya tha

    • @indian_people4080
      @indian_people4080 4 месяца назад

      Sorry wrong information in more harmful then no information। अर्जुन ने अंजलीका अस्त्र का प्रयोग किया था। और हां कर्ण ने अपने नॉर्मल बाण से अर्जुन का ब्रह्मास्त्र काटा। कर्ण पर्व,chapter 54, bori CE।

  • @VipinJatav-fm6we
    @VipinJatav-fm6we 3 дня назад +2

    Bahut galat karn is best 👍

  • @SanjuKumar-rt4xl
    @SanjuKumar-rt4xl 4 месяца назад +17

    पागल है कर्ण एक वीर योद्धा है

    • @sagar2357
      @sagar2357 4 месяца назад

      I love karna but
      He lose against arjuna also he lose many times in Mahabharata

    • @Bhogichand
      @Bhogichand 3 месяца назад +1

      पागल हो तूम ! नहीं जानते की अर्जुन ने विराट युद्ध में हराया था ! उसके पहले वनवास में जब भिल्ल राजाने दुर्योधन को बंदी बनाकर लेके गये तब कर्ण भी साथ में था! मगर कर्ण उसे बचा नहीं पाया और वह वहांसे भाग गया! उस वक्त अर्जुन ने दुर्योधन को छुडाया था ! ईसी कारण से अर्जुन श्रेष्ठ धनुर्धर था !

    • @omprakashmeherbijepur4217
      @omprakashmeherbijepur4217 3 месяца назад

      Bhai tu pakka serial dekh k aya hai gita padhke aa bhai tu

    • @RohitKumar-i8b3z
      @RohitKumar-i8b3z 2 месяца назад

      ​@@BhogichandNai juth hai sab karan samapt kr sakta tha

    • @Bhogichand
      @Bhogichand 2 месяца назад

      @RohitKumar-i8b3z विराट युद्ध में अर्जुन ने सभी महारथी को हरा या था जिसमे कर्ण भी था ! गंधर्व युद्ध में कर्ण दुर्योधन को छोडकर भाग गया था! अर्जुन ने आकर दुर्योधन को छुडाया था! उसके बदले दुर्योधन ने अर्जुन को कुछ मांगने के लिये कहां था ! अर्जुन ने वक्त आने पर मांग लुंगा ऐसा कहां था! आगे चल कर युद्ध आरंभ हुआ तब अर्जुन ने क्या मांगा यह तो आप जानते होंगे! वरना महाभारत पढलो!

  • @Umarkhedwaladjsong
    @Umarkhedwaladjsong 2 месяца назад +1

    इसने महाभारत पूरानहीं देखा

  • @gauravmarape6857
    @gauravmarape6857 2 месяца назад +3

    Bhai sabse bada yoddha karn tha

  • @mathewcastelino243
    @mathewcastelino243 2 месяца назад +1

    Karna almost killed him twice on 17 th day. When he shot sarpasthra at him he almost got killed. Krishna who saved him. Karna didn't listen to Shayla when he asked him to shoot that arrow on his chest.

  • @user-xt2lv2iz2v
    @user-xt2lv2iz2v 4 месяца назад +5

    Tumare video glote huya hai Arjun se Karn ses hai

  • @Shankarbadra2
    @Shankarbadra2 4 месяца назад +3

    Bakwas kehte ho bhai. Karna bada yoddha the maha Bharat me. Bhagwan Krishna aur veer hanuma aagar Arjun ko sath Nehi dete to karna se Arjun ka rath hawaw me hi udh jata ....

  • @ShashiPal-o2o
    @ShashiPal-o2o 5 месяцев назад +3

    Agar Arjun itna hi mahan yoddha the pitamah Dronacharya angraj kand ko chhal se kyon mara

    • @AdityaMishra-u7s6g
      @AdityaMishra-u7s6g 5 месяцев назад

      Unka sammaan krne k liye
      Kyunki vo wiwash hoke yudh lad rhe the isliye unhe sammaan purwak maara gya

  • @samarpannepal5686
    @samarpannepal5686 9 дней назад +2

    Hahaha tumhara dimag to thik hai

  • @itsmukulchamp
    @itsmukulchamp 4 месяца назад +4

    Farji khahani

  • @AshokKumar-te9ts
    @AshokKumar-te9ts 5 месяцев назад +2

    अर्जुन पृथ्वी को पापियों से मुक्त करने आये थे औऱ मुक्त कर दी ये ही सच है

  • @hsakarp143
    @hsakarp143 2 месяца назад +3

    Karn ne Vijay danush prayog hi nahi kiya ..antim yudha me kiya aur hanuman aur krishna virajman Rath ko 3 kos piche dhakel diya.... arjun ne harr kisi ko chal se mara hai...jaha chal prayog ho usey napusank kehete hai

    • @aryaraj1898
      @aryaraj1898 2 месяца назад

      Jake Mahabharat padh Sony Putra karna 😂😂

  • @ANILKUMAR-jt9mo
    @ANILKUMAR-jt9mo 5 месяцев назад +2

    agar bhagavan krshb arjun ke sath me nhi hote to karan mahabharat se pahale hi hara dete

  • @maheshdhyani2311
    @maheshdhyani2311 4 месяца назад +7

    Karan maha yodha tha

  • @pushpendrapatel9126
    @pushpendrapatel9126 4 месяца назад +2

    Arjun itna mahan hota to dhokhe se nhi marta gali khane ke liye yesa video dalta ha

    • @dinanathdixit4906
      @dinanathdixit4906 4 месяца назад

      कर्ण को धोखे से नही ललकार कर मारा था।

    • @PinakiSarangieng
      @PinakiSarangieng 4 месяца назад

      ​@@dinanathdixit4906 Bro I stopped answering such questions.. they don't give a single sloka as proof but they think Karna is better than him..

  • @Ramu-h8z
    @Ramu-h8z 4 месяца назад +3

    Karan ko koei nahi hara sakta tha

  • @Indraneelsarkar127
    @Indraneelsarkar127 2 месяца назад

    भगवान वेद व्यास रचित धनुर्वेद में युद्ध में जाने से पहले धनुर्धर को भगवान शिव और श्री राम के नामों के बाद अर्जुन के दस नामों का उच्चारण करना चाहिए 🙏🏻🏹
    193. भगवान विष्णु का ध्यान करके योद्धा को अर्जुन का नाम लेना चाहिए। इसके बाद उसे अपनी चार प्रकार की सेनाओं (अर्थात हाथी-सवार, घुड़सवार, सारथी और पैदल सेना) के साथ अपना स्थान स्थापित करना चाहिए।
    194. जिन योद्धाओं के हृदय में नीले कमल के समान नीले रंग वाले भगवान जनार्दन निवास करते हैं, वे सर्वत्र सफल और विजयी होते हैं और उन्हें कभी हार का भय नहीं रहता।
    195. ये अर्जुन के नाम हैं, जिन्हें योद्धा को उच्चारण करना चाहिए: अर्जुन, फाल्गुनी, पार्थ, किरीटी, बिभत्सु , विजयी, कृष्ण, सव्यसाची और धनंजय।
    धनुर्वेद(भगवान वेद व्यास रचित)- अध्याय १९०८

  • @babulalburi4283
    @babulalburi4283 4 месяца назад +5

    कर्ण तो हमेशा ही अर्जुन को हरा सकता था , यदि कृष्ण जी नहीं होते अर्जुन के साथ तो कर्ण के लिए अर्जुन कोई कुछ भी नहीं था

    • @GovindKumar-xg8rm
      @GovindKumar-xg8rm 4 месяца назад

      Virat mein kya kar Raha tha karna

    • @Princeboy-n5b
      @Princeboy-n5b 4 месяца назад

      ​@@GovindKumar-xg8rm waha Krishna ji na hokar bhi the jaise vastraharan ke samay the yaad aaya 😊

    • @AbbuThakur-dg5nt
      @AbbuThakur-dg5nt 4 месяца назад

      Bete arjun nar ke avtar hai naryan ke bhai

  • @rudratharu7117
    @rudratharu7117 4 месяца назад +2

    I love karn❤❤❤ karn k aage sabb feil hye❤❤❤

  • @BabluRajaP92
    @BabluRajaP92 4 месяца назад +4

    तुम भूल रहे हो अर्जुन को छोड़ो देवता भी कर्ण के दीवाने थे तुम थोड़ा बुथी के प्रयोग कर के वीडियो बनाया करो😈😈

  • @technicalworld1361
    @technicalworld1361 4 месяца назад +2

    Karn chahta to kab ka arjun ko nipta deta..